CM भूपेश बघेल का बयान, बोले – मनरेगा के माध्यम से किया जाए गौठानों और चारागाहों का विकास, प्रदेश में लगाए जाएंगे बायोगैस संयंत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि खेती-किसानी की प्रगति के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कृषि से जोड़ा जाना चाहिए। मनरेगा के माध्यम से गौठानों और चारागाहों का विकास किया जाएगा, इससे लोगों को रोजगार के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था हो सकेंगी | इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ग्राम पंचायतो में ग्राम सभाओं का आयोजन कर प्रत्येक गांव में पशुओं के लिए गौठान और चारागाह के लिए स्थान चिन्हित करें के निर्देश दिए |
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई के साधनों की कमी के साथ खुले में घूमते पशु हमारे कृषि क्षेत्र की बड़ी समस्या है। उन्होंने किसानों से पशुओं को बांधकर रखने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे खेतों की फैंसिंग का खर्च बचेगा, पशुओं का गोबर मिलेगा जिससे जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र लगाए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने जबलपुर में स्थित कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य निर्धारित करने क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रारंभ करने, लघु धान्य फसलों कोदो, कुटकी और रागी जैसी फसलों के समर्थन मूल्य घोषित करने तथा लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने की जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समय-समय पर टमाटर, प्याज और आलू जैसे विभिन्न उद्यानिकी फसलों के सही मूल्य कई बार नही मिल पाते हैं। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों को क्षेत्रवार कार्य योजना तैयार कर किसानों को फसल लगाने के संबंध में सलाह देनी चाहिए। बघेल ने विशेषज्ञों से जलवायु परिवर्तन के विभिन्न फसलों पर प्रभाव का अध्ययन करने और फसलों के संरक्षण के लिए किसानों को सलाह उपलब्ध करानी चाहिए ।